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भारत इंडिया से हारता रहता है, किसी खेल में नहीं, बल्कि ज़िन्दगी से। न जाने कितने लोग भूख की वजह से मर रहे हैं, पर किसी को पता नहीं चलता, कोई खबर नहीं छपती। भारत में आदिवासी और अनुसूचित जाति में शामिल लोग शायद ही इंडिया के बारे में जानते होंगे।
भारत में भुखमरी, बेरोज़गारी, इलाज के बिना मरते लोग, शिक्षा, पानी, मकान और बहुत कुछ को तरसते लोग निवासी करते हैं। डिजिटल इंडिया, शाइनिंग इंडिया, मेक इन इंडिया आदि शब्द आज–कल बहुत प्रचलन में हैं। नेता अक्सर इंडिया को बनाने की बात अपने मन से करते हैं, मन तो मन है, क्या पता कब बदल जाए।
अब भारत की बात करते हैं। भारत वो जगह है, जहां इंडिया की ६०% आबादी रहती है। वो आबादी जो भारत में रहते हुए इंडिया के लिए काम करती है। भारत में रहने वाले लोगों को इंडिया की शायद ही कोई खबर हो। क्यूंकि वो किसान, मजदूर और छोटे-मोटे रोज़गार करने वाले लोग हैं और इंडिया के लोग नेता, व्यापारी और नौकरीपेशा लोग हैं।
भारत की रैंकिंग दुनिया के बनाम
– सामाजिक विकास सूची- २०१७, भारत का स्थान- 93, कुल देश- 123
– संयुक्तराष्ट्र विकास सूची, भारत का स्थान- 131, कुल देश 188
– लिंग असमानता सूची, भारत का स्थान, श्रीलंका और मालदीव्स से पीछे
– विश्व भुखमरी सूची-२०१७, भारत का स्थान-100, कुल देश 119
भारत हर तरफ से इंडिया से बहुत पीछे है। जो लोग भारत में रहते हैं, उनके लिए रोज़ का खाना जुटा पाना जंग से कम नहीं। कई लोग रोज़ बिना खाना खाए सो जाते हैं। भूख से हुई मौत को साबित करना आसान नहीं, क्योंकि अक्सर भूख से हुई मौत को किसी बीमारी से हुई मौत से जोड़ दिया जाता है। भारत में भुखमरी बहुत बड़ा कारण है, बच्चो और गर्भवती महिलाओं की मौत के लिए।
आप और मैं क्या कुछ कर सकते हैं कि भारत के मरते भूखे लोगों को बचाया जा सके। कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम मदद कर सकते हैं। खाना बर्बाद नहीं करें, दुनिया का सबसे बड़ा अपराध होता है खाना बर्बाद करना। भारत और इंडिया को जोड़ने की सेतु बनें।
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